Top 5 Crypto Trading Strategies के बारे में जानने से पहले यह जानना जरुरी है कि हमें इसकी जरुरत क्यों है ? इसे जान लेने के बाद हमारी ट्रेडिंग कि आदतों, लाभों या नुकसान पर क्या फर्क पड़ेगा ?
अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने एक बार कहा था कि अगर मुझे किसी पेड़ को काटने के लिए 2 घंटे का समय दिया गया है तो मैं डेढ़ घंटे अपनी कुल्हाड़ी की धार को तेज करने में लगाऊँगा. यहाँ वे यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि अगर आपको किसी काम को करने के लिए कहा गया है तो सबसे पहले उस काम के बारे में आप ज्ञान और सुचना इकट्ठा कीजिये फिर उसपर काम शुरू कीजिये। इससे आपका समय और मेहनत दोनों की बचत होगी.
यही बात ट्रेडिंग में भी लागू होती है. तो आपको आपका जवाब मिल गया होगा कि हमें क्रिप्टो ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को क्यों सीखना चाहिए या इससे सम्बंधित जानकारी हरेक ट्रेडर्स को क्यों होना चाहिए ! बाकी हम इसी लेख में आगे विस्तार से जानेंगे.
क्रिप्टो ट्रेडिंग में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए यह जानने से पहले यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि ट्रेडिंग कितने तरह की होती है.
क्रिप्टो ट्रेडिंग करने के 5 तरीके कौन से हैं ? (What are the Top 5 ways to do crypto trading?)
Table of Contents
क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने के लिए ये 5 तरीके हैं : स्केल्पिंग (Scalping), डे ट्रेडिंग ( Day Trading), स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading), बाय एंड होल्ड (Buy and Hold) और आर्बिट्रेज (Arbitrage). कौन सी ट्रेडिंग किसके लिए सही है और इससे क्या फायदे हैं , यहाँ आज हम विस्तार से जानेंगे.
Sr. No. | Trading Name | How it works | Time (समय) |
1 | Scalping (स्केल्पिंग) | कम समय में और थोड़ा थोड़ा कर के प्रॉफिट कमाना | 5 ,15 या 30 मिनट का ट्रेड |
2 | Day Trading (डे ट्रेडिंग) | किसी ट्रेड को उसी दिन close करना | 1 दिन |
3 | Swing Trading (स्विंग ट्रेडिंग ) | 1-2 महीने के अंदर जब भी दाम बढ़ जाए तब ट्रेड को close कर देना | 1-2 महीने |
4 | Buy and Hold (बाय एंड होल्ड) | कॉइन्स को लम्बे समय के लिए होल्ड करना | 1 साल या उससे भी ज्यादा |
5 | Arbitrage Trading (आर्बिट्रेज ट्रेडिंग) | एक एक्सचेंज से कम मूल्य पर खरीद कर दूसरे एक्सचेंज में ज्यादा मूल्य पर बेचना | 1 घंटा या उससे भी कम |
1. Scalping
Scalping में एक ट्रेडर कॉइन्स में छोटे छोटे प्राइस परिवर्तन से पैसे कमाता है. इसमें वह 5 मिनट , 15 मिनट और 30 मिनट जैसे short time period वाले ट्रेडिंग समय को अपनाता है एवं साथ ही एक सख्त stop loss की स्ट्रेटेजी को भी फॉलो करता है. Scalping में stop loss का प्रयोग करना बहुत जरुरी है क्योंकि अगर एक बड़ा नुकसान हो जाए तो कई छोटे छोटे ट्रेडिंग से कमाए गए मुनाफे को भी वह गंवा देगा.
दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि यह बून्द बून्द कर घड़ा भरने के समान है. हाँ, अगर आप एक से ज्यादा ट्रेड ओपन करते हैं तो आपको ज्यादा प्रॉफिट हो सकता है.
सावधानी : नए ट्रेडर्स को scalping trading से बचना चाहिए. इसे करने के लिए काफी जानकारी, अनुभव और दक्षता चाहिए. बिना stop loss के scalping नहीं करना चाहिए.
Scalping कैसे काम करता है ?
मान लीजिये कि आपके पास कुछ कॉइन्स हैं जिसके एक कॉइन का मूल्य 100 रूपये है. आपने 1000 कॉइन्स के साथ एक ट्रेड को ओपन किया हुआ है. 10 मिनट के अंदर उस कॉइन का मूल्य 100 रूपये से बढ़कर 102 रूपये हो गया. आपने देखा कि अभी आपको प्रति कॉइन 2 रूपये का फायदा हो रहा है और हो सकता है कि आगे कुछ मिनटों में या घंटो में इसका मूल्य दुबारा से नीचे जा सकता है तो आपने उस 1000 कॉइन्स को 102 रूपये के भाव से बेच दिया.
यह सारी प्रक्रिया 10 मिनट के अंदर हो गयी जिसमे आपको 2 x 1000 = 2000 रूपये का लाभ हो गया.

2. Day Trading
Day Trading में एक ट्रेडर जिस दिन अपना ट्रेड लगाता है उसी दिन ट्रेड को बंद भी कर देता है और उस दिन जो भी उसका प्रॉफिट या नुकसान होता है वह उसकी डे ट्रेडिंग का लाभ या नुकसान होता है.
स्केल्पिंग से यह इस मामले में अलग है कि स्केल्पिंग में ट्रेडिंग का time duration कम होता है जबकि डे ट्रेडिंग में ट्रेडर के पास एक दिन का समय होता है. सामान्यतः डे ट्रेडिंग में स्केल्पिंग की अपेक्षा ज्यादा प्रॉफिट की संभावनाएं होती है.
3. Swing Trading
इसे आप एक मिड टर्म ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कह सकते हैं. दरअसल यह शार्ट टर्म और मिड टर्म ट्रेडिंग का कॉम्बिनेशन है. जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, swing यानी कॉइन्स के मूल्य में अचानक से उतार या चढ़ाव.
Swing Trading कैसे काम करता है ?
मान लीजिये कि एक ट्रेडर ने 1000 कॉइन्स के साथ एक ट्रेड ओपन किया है. इसके 10-15 दिनों में धीरे धीरे या फिर अचानक से इसके मूल्य में तेजी देखने को मिली. 15 वें दिन उस कॉइन का मूल्य 10-15% तक बढ़ गया. ट्रेडर ने सारे कॉइन्स को बेच कर अपना मुनाफा कमा लिया. यहाँ वह यह भी कर सकता है कि 1000 कॉइन्स में से वह 500 कॉइन्स को अभी बेच दे और शेष 500 कॉइन्स को वह कुछ दिनों बाद बेचे. दोनों ही परिस्थितियों में यह स्विंग ट्रेड कहलायेगा.
नए क्रिप्टो निवेशकों के बीच यह विधि काफी प्रसिद्द है. इसमें निवेशकों को अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है. वे भी मुनाफा कमा लेते हैं जो अभी ट्रेडिंग में एक्सपर्ट नहीं हैं.
4. Buy and Hold
इसमें ट्रेडर्स आपने कॉइन्स को एक लम्बे समय के लिए HOLD (या HODL) कर के रखते हैं. यह समय कुछ महीनों से लेकर कुछ सालों तक का भी हो सकता है. वे short term gain या loss को नजरअंदाज करते हैं. ऐसे ट्रेडर्स कॉइन्स के प्रोजेक्ट , टीम , विज़न और use cases को ध्यान में रखकर कॉइन्स या प्रोजेक्ट का चुनाव करते हैं. क्रिप्टो में लॉस से बचने और ज्यादा प्रॉफिट कमाने के लिए यह विधि बहुत अच्छी मानी जाती है.
अगर आप चाहते हैं कि क्रिप्टो में आपको लॉस कम से कम हो और प्रॉफिट ज्यादा से ज्यादा तो आपको जरूर जानना चाहिए कि क्रिप्टो में SIP कैसे करें !
5. Arbitrage Trading
एक एक्सचेंज से कॉइन्स को कम मूल्य पर खरीद कर उसे दूसरे एक्सचेंज में ज्यादा मूल्य पर बेचना आर्बिट्राज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading) कहलाता है. ऐसे कई सारे एक्सचेंजेस हैं जहाँ पर दूसरे एक्सचेंजेस की तुलना में कॉइन्स के मूल्यों में अंतर रहता है.
Arbitrage Trading कैसे काम करता है ?
मान लीजिये कि Coinbase में 1 एथेरेयम (ETH) का मूल्य $2000 है और Binance में 1 एथेरेयम का मूल्य$2200 है, तो आर्बिट्राज ट्रेडर Coinbase से ETH को खरीद कर Binance पर बेच देगा और प्रति ETH वह $200 का मुनाफा कमा लेगा. ऐसा वह कई बार कर सकता है, इसमें कोई प्रतिबंध नहीं है.
निष्कर्ष :
हमने निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर इस लेखा में जाना :
- क्रिप्टो ट्रेडिंग क्या होता है (Crypto trading kya hoya hai)
- बेस्ट क्रिप्टो ट्रेडिंग का तरीका क्या है (Best crypto trading ka tarika kya hai) ?
- Best crypto trading tips
- Top 5 Crypto Trading Strategies
- Scalping kya hai ? इत्यादि
हमने क्या सीखा : इसके साथ ही हमने सीखा कि कौन सा ट्रेडिंग किसके लिए उपयुक्त है और उसके क्या मायने हैं . एक नए क्रिप्टो ट्रेडर के लिए कौन सा ट्रेडिंग का तरीका ठीक है और ट्रेडिंग से प्रॉफिट कैसे कमाया जा सकता है इसके बारे में भी जाना.
ध्यान देने योग्य बात : यहाँ एक बात महत्वपूर्ण है कि इस लेख में दी गयी जानकारी सिर्फ आपके ज्ञानवर्धन के लिए है. यह एक हाई वोलेटाइल मार्केट है इसलिए ट्रेडिंग करने से पहले किसी एक्सपर्ट की सहायता एवं राय जरूर लें अन्यथा लाभ के बदले नुकसान उठाना पड़ सकता है . यह न सोचें कि इस फलां कॉइन का मूल्य तो बढ़ेगा ही बढ़ेगा. कई बार ऐसा होता है कि आप लॉन्ग टर्म होल्ड करने के लिए कोई कॉइन खरीदते हैं और वह एक साल में आपके खरीद मूल्य का 50% तक नीचे चला जाता है. इसलिए खुद अच्छे से रीसर्च कर के निवेश करें.
ध्यान रखें : Crypto is not a easy money.
FAQ :
What is crypto trading (क्रिप्टो ट्रेडिंग क्या होता है) ?
क्रिप्टो ट्रेडिंग का अर्थ है लाभ कमाने के लिए किसी कॉइन को एक निश्चित मूल्य पर खरीदना और जब उसका मूल्य बढ़ जाए तो उस कॉइन को बेच कर मुनाफा कमाना.
Leverage trading हमें यह भी सुविधा देती है कि जब कॉइन का मूल्य नीचे जा रहा हो तब भी ट्रेडर लाभ कमा सकता है.
क्या लाभ कमाने के लिए निवेश के नियमों को जानना जरुरी है ?
अगर आप जानकारी के साथ निवेश करेंगे तो नुकसान कम और लाभ ज्यादा होगा. इमोशन के आधार पर निवेश नुकसान दे सकता है.
क्रिप्टो ट्रेडिंग करने के 5 तरीके कौन से हैं ?
Scalping, Day Trading, Swing Trading, Buy and Hold और Arbitrage Trading.
Scalping क्या है ?
Scalping में एक ट्रेडर कॉइन्स में छोटे छोटे प्राइस परिवर्तन से पैसे कमाता है. इसमें बड़े मुनाफे पर ध्यान नहीं दिया जाता है.
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